सड़क पर निकले तो
दवाई छिड़क दी,
रेल की खिड़की में
नंगे बदन से भी पैसा मांग लिया
ट्रेन शुरू हुई तो बिल्डर्स के साथ मीटिंग करके
मजदूरों को कैद कर लिया गया
उनके जाने पर रोक लगा दी
क्या ताकतवर अपनी बची कुची शर्म
डोलोगाना कॉफी में मिला कर पी गए
उनका क्या कसूर है
यही की वह हमारे घर बनाते हैं
हमारे लिए अनाज उगाते हैं
या हमारे कपड़े बुनते हैं
हमारा रोटी, कपड़ा, मकान
तीनों उनसे ही आता है
और हमने उनसे ये ही नहीं
उनका सम्मान भी छीन लिया
रोटी, कपड़ा और मकान
